दोहरी क्रिया: संयोजन: यह नियोनिकोटिनॉइड और पायराजोल समूह का एक अनूठा दानेदार संयोजन है, जो इसे कीट नियंत्रण में प्रभावी बनाता है।
• कीट नियंत्रण: फिप्रोवा मिट्टी में पाए जाने वाले हानिकारक कीट जैसे व्हाइट ग्रब और दीमक पर प्रभावी नियंत्रण प्रदान करता है।
• कार्यप्रणाली: यह रसायन कीट के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर कार्य करता है, जिससे कीट
लकवाग्रस्त हो जाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है।
• पौधे के विकास में सहायक: फिप्रोवा न केवल कीटों को नियंत्रित करता है, बल्कि जड़ों और पौधों के स्वस्थ विकास को भी प्रोत्साहित करता है।
लंबे समय तक प्रभावी : इसकी प्रणालीगत और संपर्क क्रिया की वजह से यह लंबे समय तक कीट नियंत्रण में सहायक होता है।
फसल स्वास्थ्य में सुधार: पौधों की जड़ों को मजबूत बनाता है और विकास को प्रोत्साहित करता है। उच्च उपज और बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करता है।