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Sugarcane (गन्ना बुवाई)

Sugarcane (गन्ना बुवाई)

गन्ने की बुवाई और देखभाल पर विस्तृत गाइड

गन्ने की खेती भारत में एक महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है, जो न केवल किसानों की आय का एक प्रमुख स्रोत है, बल्कि देश की चीनी उद्योग की रीढ़ भी है। गन्ने की सफल खेती के लिए सही प्रक्रिया और प्रबंधन का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ गन्ने की बुवाई और देखभाल से संबंधित सभी महत्वपूर्ण चरणों पर चर्चा की गई है।

1. भूमि की तैयारी

गन्ने की खेती के लिए उपजाऊ दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है। खेत को गहरी जुताई करके समतल करें। यह मिट्टी की संरचना को सुधारने और जल धारण क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। मिट्टी में अच्छी नमी बनाए रखें और जैविक खाद, जैसे गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करें।

2. बीज चयन

गन्ने की बुवाई के लिए उच्च गुणवत्ता वाले स्वस्थ गन्ने के टुकड़े (सेट्स) का चयन करें। हर टुकड़े में कम से कम 2-3 अंकुरण (बड) होने चाहिए।

3. बीज उपचार

बीज जनित रोगों और कीटों से बचाव के लिए बीज उपचार आवश्यक है।बीज को 15-20 मिनट तक कवकनाशी, जैसे TRISHIELD TITAN (Azoxystrobin 2.5% + Thiophanate Methyl 11.25% + Thiamethoxam 25% FS) के घोल में डुबोकर उपचारित करें। कीटों से सुरक्षा के लिए बीज को कीट-नाशक, जैसे FIPROVA (Thiamethoxam 0.9% + Fipronil 0.2% GR) के साथ मिलाकर बुवाई करें।

4. बुवाई का समय

उत्तरी भारत: फरवरी-मार्च दक्षिण भारत: जून-जुलाई

5. बुवाई का तरीका

गन्ने की बुवाई कतारों में करें। कतारों के बीच 75-90 सेमी की दूरी रखें। बुवाई के समय उचित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग करें।

6. सिंचाई प्रबंधन

पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद करें।गर्मियों में सिंचाई का अंतराल 7-10 दिन और सर्दियों में 15-20 दिन रखें।

7. खाद एवं उर्वरक प्रबंधन

गन्ने की फसल के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश आवश्यक हैं। बुवाई के समय: 25% नाइट्रोजन 100% फास्फोरस 100% पोटाश डालें। शेष नाइट्रोजन को दो बार में डालें—एक बार 45 दिन और दूसरी बार 90 दिन बाद।

8. रोग और कीट प्रबंधन

गन्ने के प्रमुख कीटों और रोगों को नियंत्रित करने के लिए नियमित निरीक्षण आवश्यक है। उपयोगी उत्पाद: FLUBIMAX (Flubendiamide 0.7% GR) तना छेदक और पत्तों के कीटों के लिए। इन्हें सही मात्रा में उर्वरक के साथ मिलाकर खेत में डालें।

9. निराई और गुड़ाई

फसल को खरपतवार मुक्त रखने के लिए हर 30-45 दिन के अंतराल पर निराई करें। गुड़ाई करते समय मिट्टी को पौधों के तने के पास चढ़ाएं ताकि फसल मजबूत हो सके।

10. कटाई का समय

गन्ना 10-12 महीने में कटाई के लिए तैयार हो जाता है। कटाई के समय गन्ने को जड़ से काटें और उसे बाजार में या प्रसंस्करण के लिए भेजें।

निष्कर्ष

गन्ने की खेती में सही तकनीकों और उत्पादों का उपयोग करना उसकी गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। कीटनाशकों और कवकनाशकों का उचित प्रबंधन न केवल फसल को सुरक्षित रखता है बल्कि किसानों को अधिक लाभ भी दिलाता है। अगर आप गन्ने की खेती से जुड़ी अधिक जानकारी या उत्पादों की सही मात्रा और उपयोग विधि पर मार्गदर्शन चाहते हैं, तो अपनी आवश्यकता साझा करें।

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